गुना / जिले की सीमाएं सील फिर भी राजस्थान-महाराष्ट्र से आ रहे लोग

कोरोना वायरस को लेकर जिले क सीमाएं सील कर दी गई हैं पर फिर भी दूसरे राज्यों से लोग आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला चांचौड़ा के पैंची में सामने आया। यहां एक युवक पुणे से लौटकर आया तो स्थानीय लोगों ने पुलिस, प्रशासन तक खबर कर दी। क्योंकि यह युवक बीमार था। युवक को एंबुलेंस 108 की सहायता से जिला अस्पताल लाकर निगरानी में ले लिया है।  यह पहला व्यक्ति है, जिसे जिला अस्पताल में बनाए गए आईसोलेशन वार्ड में रखा गया है। प्रारंभिक जांच में कोरोना जैसे कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं। 



आरोन के एक गांव में एक दर्जन के लगभग लोग पहुंचे तो वहां के लोग घबरा गए, उन्होंने तुरंत ही इसकी सूचना प्रशासन को दी तो अधिकारी सक्रिय हो गए। बताया जाता है कि यह लोग राजस्थान के मजदूर हैं, वह दक्षिण भारत से लौटे हैं, लेकिन गुना में ही फंस गए। इसके अलावा भीलवाड़ा से भी एक युवक आरोन आया है।  इन सभी को निगरानी में लिया गया है। 



इस मामले में कलेक्टर विश्वनाथन का कहना है कि सीमा पर निगरानी तेज की गई है, जिस समय पाबंदी नहीं लगाई थी, उस समय कई लोग गुना में प्रवेश कर गए। एक दर्जन के लगभग मजदूर भी आए हैं, जिन्हें राजस्थान जाना है। जिले की सीमाओं पर नाकेबंदी की गई है। इसके अलावा अन्य जिले की सीमाओं पर भी नजर रखी जा रही है। इन सीमाओं पर पहुंचकर सुरक्षा के इंतजाम भी देखें गए हैं।


कोराेना संदिग्ध पहला व्यक्ति जिला अस्पताल में भर्ती, बीपी बढ़ा हुआ था और हल्का बुखार भी है


अस्पताल में भर्ती युवक का तापमान सामान्य
 पैंची निवासी युवक को जिला अस्पताल में कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। उस पर नजर रखी जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि युवक में अब तक कोरोना जैसे लक्षण नहीं मिले हैं, फिर भी सावधानी रखी जा रही है। युवक का तापमान बढ़ा हुआ है, वहीं बीपी भी है। लेकिन खांसी आदि की कोई समस्या नहीं है। उसका ऑक्सीजन लेवल भी देखा गया है। यह भी सामान्य है। इसलिए अभी फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है। इसे 10 से 12 घंटे निगरानी में रखा गया है। अगर तापमान बढ़ता है, ऑक्सीजन लेवल घटता है या खांसी होती है तो कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। 
दक्षिण भारत से आए मजदूर राजस्थान भेजेंगे 
दक्षिण भारत से आए मजदूरों को राजस्थान भेजा जाएगा। करीब एक दर्जन मजदूर आए हैं। यह सभी जिले में सीमाओं पर हुई नाकेबंदी से पहले ही गुना में प्रवेश कर चुके थे। कलेक्टर ने बताया कि लोगों ने इनकी सूचना दी तो राजस्व अधिकारियों ने इन्हें निगरानी में लिया है। इन सभी को राजस्थान भेजा जाएगा। इनमें किसी बीमारी के लक्षण नहीं हैं। 


आपदा इतनी विकराल फिर भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे लोग


भीलवाड़ा से आरोन आया शख्स चुपचाप गांव पहुंचा
सोमवार को वृंदावन गांव में भीलवाड़ा से आए एक संदिग्ध व्यक्ति की सूचना पर हड़कंप मच गया। यह मामला इसलिए गंभीर था, क्योंकि भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण तीसरे चरण में पहुंच गया है। यानि वहां अब कम्युनिटी संक्रमण के हालात पैदा हो गए हैं। इसलिए अगर कोई शख्स वहां से गुना, आरोन होते हुए गांव तक पहुंच जाए तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नाकेबंदी, निगरानी और स्कीनिंग के तमाम दावों की क्या हालत है। उक्त शख्स में किसी तरह के संदिग्ध लक्षण नहीं मिले हैं। 


सबसे संक्रमित इलाकों से कैसे आ रहे हैं लोग
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि भीलवाड़ा जैसे सबसे संक्रमित इलाकों से लोग कैसे आ रहे हैं। उक्त शख्स 21 मार्च को किसी ट्रेन से गुना आया था। उसके बाद 22 को वह टैंपो में बैठकर सुबह करीब साढ़े 5 बजे आरोन पहुंचा। यहां से वह वृंदावन चला गया। इस पूरे सफर के दौरान कहीं भी कोई रोक टोक नहीं हुई। इसके अलावा तमाम जागरुकता वाले संदेश दिए जाने पर भी लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे हैं। बार-बार यह अपील की जा रही है कि बाहर से आने वाले सभी लोग अपनी जांच कराएं। 


मास्क-सेनेटाइजर खत्म
जिला अस्पताल में कोरोना से निपटने के लिए तैयारियों को लेकर दावे तो किए जा रहे हैं। इसके लिए मास्क और सेनेटाइजर महत्वपूर्ण हैं। लेकिन इन दोनों की कमी है। स्टोर में सैनेटाइजर खत्म हो चुके हैं। मास्क की कमी को देखते कपड़े से तैयार कराए गए हैं। 


प्रशिक्षित स्टाफ नहीं 
आइसोलेशन वार्ड में एक वेंटीलेटर भी रखा गया है, लेकिन इसे ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षित स्टॉफ नहीं है। लंबे समय से यह वेंटीलेटर आ तो चुके थे, लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ न होने से उपयोग नहीं हो रहा था।


चिंता...कटाई के लिए गए सहरिया अब लौटेंगे
फसल कटाई के सीजन के दौरान यहां से बड़ी संख्या में मजदूर राजस्थान जाते हैं। उनमें से कई अब लौटने लगे हैं। ऐसे ही एक शख्स की खबर सोमवार को मिली। हालांकि अब तक इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पाई है। सहरिया आदिवासी समुदाय के सैकड़ों लोग वहां मजदूरी के लिए गए थे। अब वे वापस लौट रहे हैं, काम  खत्म होने से उन मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। चिंता की बात ये है कि प्रशासन इन्हें कैसे रोकेगा।


रुठियाई: एक विदेशी पेट्रोल पंप पर पहुंचा, पुलिस इतनी डरी कि उसे यूं ही जाने दिया
सोमवार को रुठियाई के पास एक पेट्रोल पंप पर विदेशी नागरिक के पहुंचने की खबर आई। अपने चार पहिया वाहन में डीजल भरवाने पहुंचे इस शख्स के पास भारतीय मुद्रा भी नहीं बची थी। पंप के प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दे दी। वहां पर पहुंची पुलिस विदेशी व्यक्ति सदो मीटर दूर खड़े होकर बात कर रही थी।  आखिरकार उसे यूं ही जाने दिया गया। 

जनता कर्फ्यू का मतलब लोगों ने गलत निकाला
सुबह 10 बजे शहर के तमाम चौराहों पर नाकेबंदी कर दी गई। दरअसल 14 घंटे के जनता कर्फ्यू से लोगों में यह संदेश गया कि इससे कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन टूट गई है। रविवार को शाम 5 बजे जिस तरह उत्सवी माहौल बना। इसका नतीजा देर शाम से ही दिखने लगा था। करीब तीन घंटे की की मशक्कत के बाद शहर में जनता कर्फ्यू वाली स्थिति को बहाल किया जा सका।